जालंधर :- शिरोमणि अकाली दल बादल और बहुजन समाज पार्टी के मध्य हुए गठबंधन को लेकर टकसाली बसपा वर्करों का कहना हैं कि यह गठबंधन बसपा को बहुत मंहगा पड़ने वाला है। कयोंकि बसपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर अकाली दल बादल ने बड़ी हुशियारी से चुस्तीफुरती दिखाईं है। दोआबा क्षेत्र की जिन सीटों पर बसपा का दबदबा और वोट बैंक सबसे ज्यादा है, उन सीटों को अकाली दल बादल ने अपने कब्जे में ले लिया है। और जिन सीटों पर अकाली दल बादल कमज़ोर और हिन्दू (सवर्ण) वोटरों का दबदबा है, वह सीटें बसपा को सोंप दी है
बता दे कि बसपा संस्थपक साहिब श्री कांशी राम जी ने कहा था कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उस की उतनी हिस्सेदारी, बसपा यह भी भूल गई कि दोआबा की कुछ सीटों पर बसपा का बहुत बड़ा बोलबाला है, और बहुत बड़ा वोट बैंक है। गठबंधन में बसपा को यह सीटें किसी कीमत पर नहीं छोडनी चाहिए थी।
दोआबा क्षेत्र में बसपा का वोट बैंक और भारी दबदबा, फिल्लौर विधानसभा, आदमपुर विधानसभा, शाम चौरासी विधानसभा, चबेवाल विधानसभा, गढ़शंकर विधानसभा, बलाचौर विधानसभा, बंगा विधानसभा, श्री हरगोबिंदपुर विधानसभा आदि में है। यह सभी सीटें गठबंधन होते ही अकाली दल बादल के खातें में चली गई है। बसपा को मिलीं 20 सीटों में से 15 सीटें चुुनाव दृष्टि के हिसाब से बेहद कमज़ोर नज़र आ रही है। कयोंकि यह सीटें सवर्ण समाज के वोटरों से संबन्धित सीटें है। पंजाब में सवर्ण समाज के वोटरों का रुझान बसपा के प्रति बहुत ही कम है। सवर्ण समाज से संबन्धित सीटें जो बसपा को मिलीं है। वह इस प्रकार है, जालंधर शहरी नाॅर्थ, जालंधर शहरी वेेस्ट, होशियारपुर (शहरी), मोहाली, लुधियाना शहरी नॉर्थ, पठानकोट (शहरी), सुजानपुर , अमृतसर शहरी नाॅर्थ, अमृतसर शहरी केेंद्रीय, टांडा, दसूहा, आदि। इन सभी सीटों पर बसपा के जीत हासिल करना आसान नहीं है।