जालंधर नार्थ हलके में भाजपा की पिछले लंबे समय से गुटबाजी चली आ रही है। लेकिन अब यह गुटबाजी जालंधर नार्थ हल्के से दो बार विधायक रहे केडी भंडारी के लिए ख़तरे कीं घंटी साबित हो रही है। इस विधानसभा सीट से इस बार विधान सभा चुनाव के लिए सीनियर भाजपा नेता नवल किशोर, पूर्व जिला प्रधान रवि महेंद्रू , भाजपा नेता तरसेम कपूर, अश्वनी पूरी समेत और कई बड़े नेता गुप्त मीटिंग करके आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट पर दावा करने की तैयारी में हैं।
सूत्रो अनुसार जालंधर नार्थ हलके में भाजपा नेताओं की गुट बंदी का मुख्य कारण पूर्व विधायक केडी भंडारी को ही बताया जा रहा हैं। नाम ना लिखें जानें की शर्त पर कुछ लोगों का कहना है कि पिछले दस साल विधायक रहते हुए केडी भंडारी ने सीनियर पार्टी वर्कर को हमेशा डाउन करने की कोशिश के साथ-साथ , 2017 कौंसलर के चुनावों में भी उनको हराने की पुरी-पुरी कोशिश की थी।
अब यह बताना भी अति आवश्यक है कि वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अकाली दल से भाजपा का चुनावी रिश्ता टूट चुका है। इस लिए भाजपा का 2022 में चुनावी जंंग जीतना आसान नहीं है।
बता दे कि पिछले विधान सभा चुनाव 2017 में भाजपा को पंजाब में सिर्फ दो और जालंधर शहर में एक सीट भी नहीं मिली थी। अगर ऐसी ही स्थिति में गुुुुटबाजी चलती रही तो 2022 विधान सभा चुनाव में भाजपा का सरकार बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा।
पार्टी में अनुशासन का ना रहने और बड़े नेताओं की अनदेखी की चर्चा घर-घर में हो रही है। इससे जालंधर भाजपा में गुटबाजी और बढ़ सकती है। अनदेखी का शिकार भाजपा नेताओं का आरोप है कि यह पहली बार नहीं हो रहा है इससे पहले भी कई बार सीनियर वर्करों की अनदेखी हो चुकी है।