नगर निगम जालंधर बिल्डिंग विभाग से गुप्त सूत्रो के अनुसार अवैध काॅलोनियों और अवैध बिल्डिंगों का सारा खेल बिल्डिंग विभाग की रहनुमाई व छत्रछाया से खेला जा रहा है। इस खेल में नीच से लेकर ऊपर तक संत्री और मंत्री मिलें हुए है। यह खेल ना कभी बंद हुआ है और ना कभी होगा। गुप्त सूत्रो अनुसार बहुत जल्द अवैध काॅलोनियों का शोर मचाने वाले बिल्डिंग विभाग के चेयरमैन और बिल्डिंग विभाग के मेंबर भी शांत हो जाएंगे। कृपया आप यह ख़बर मत लगाएं, नहीं तों अवैध काॅलोनियोंं का शोर मचाने वालों की चाँदी ही चाँदी है।
बता दें कि हल्का कैंट जालंधर के एक शातिर कालोनाईजर ने पिछले 5 सालों में नगर निगम जालंधर को करोड़ों रुपये का चूना लगाया। नगर निगम जालंधर के बिल्डिंग विभाग से इन सभी बातों का खुलासा हमनें नहीं, कुछ दिन पहले नगर निगम जालंधर में बिल्डिंग विभाग की एडहॉक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा (कोंसलर) तथा एडहाक कमेटी मैंबर सुशील कालिया (कोंसलर) ने किया था। जानकारी देते हुए कहा है कि कमेटी ने बिल्डिंग विभाग में कालोनियों को पास करवाने के लिए तकरीबन 68 फाइलें जमा हुई थी। इनमें से एक कलोनाईज़र की 18 कॉलोनीयां थी। कलोनाईजर ने यह फाइलें 2013 से लेकर 2018 के बीच में जमा करवाई थी। इन कालोनियों का रकबा 105 एकड़ बताया गया था, और इन 18 कालोनियों के बदले नगर निगम जालंधर को सिर्फ 8.80 लाख रुपये ही जमा करवाए गए थे। ऐसी भी एक काॅलोनी काटी गई थी। जिसमें नगर निगम को सिर्फ 15 हजार रुपये ही मिले।
यह भी बात दें कि अभी तक इन सभी काॅलोनियों को बिल्डिंग विभाग ने पास नहीं किया और कालोनाईज़र राकेश अग्रवाल (भीम पैलेस जालंधर कैंट वाले ) ने सभी 18 काॅलोनियाँ बेच भी दी है। बिल्डिंग विभाग की तरफ से उक्त कालोनाईजर को सरकारी नोटिस भी जारी नही किया गया है। बिल्डिंग विभाग की एडहाक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा और एडहाक कमेटी के मेंबर सुशील कालिया का कहना था कि यह सब बातें बिल्डिंग विभाग की मिलीभगत का इशारा करती है। बिल्डिंग विभाग के कुछ अधिकारी काॅलोनाईजर के साथ मिलें हुए है। इसलिए कारपोरेशन जालंधर का फाइनेंशियल भारी नुकसान भी करवा रहे है। निर्मल निमा और कालिया का कहना था कि हम बहुत जल्द काॅलोनाईजर द्वारा जमा करवाई गई, फाइलों में बताए गए काॅलोनियों के रकबे की जांच करवायें गए। नगर निगम के सरकारी रिकार्ड में 18 काॅलोनियां 105 एकड़ ज़मीन में काटी गई हैं, जबकि यह ज़मीन 200 एकड़ भी हो सकती है, जिसमें निगम को लगभग 50 करोड़ से ज्यादा चुना लग चुुका है।
अवैध काटी गई काॅलोनियों में न्यू- डिफैंस कालोनी, पिंड बडिंग पंचशील एवेेन्यू ,गाँव बडिंग मास्टर महंगा सिंह काॅलोनी, पिंड सोफी दीप नगर, स्टैन आटो के साथ हरदीप नगर दकोहा आदि, बता दें कि कुुुल मिलाकर 18 अवैध काॅलोनीयां है। चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा तथा पार्षद सुशील कालिया ने कहा था कि उन्होने यह बहुत बड़ा भु-माफिया का घोटाला पकड़ा है। शीघ्र ही हम इन काॅलोनियों का दौरा करने जाऐंगे और मौके पर पटवारी तथा ड्राफ्ट्समैन से पैमाईश भी करवाई जाएगी।