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भाजपा नेता मोहिंदर भगत कीं बढ़ती राजनीतिक परेशानियां ?

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वेस्ट विधानसभा जालंधर से सीनियर भाजपा नेता एवं पंजाब भाजपा के SPOKESMAN मोहिंदर भगत कीं राजनीतिक परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही। कुछ समय पहले जालंधर वेस्ट से सीनियर भाजपा नेता एवं गऊ सेवा कमिशन के चेयरमैन क़ीमती भगत का भाजपा को छोड़ जाना और अब जालंधर वेस्ट से भाजपा मंडल 11 के प्रधान रुतेश निहंग और उनकीं पार्षद पत्नी गीता रानी अन्य साथियों सहित भारतीय जनता पार्टी को छोड़ कर शिरोमणि अकाली दल बादल में चले जाना।

बता दें कि  वेस्ट विधानसभा जालंधर से 2016 और 2017 में भी सीनियर भाजपा नेता एवं कोंसलर दर्शन लाल भगत (तिलक नगर) और कोंसलर दर्शन लाल दर्शी (बस्ती बावा खेल) पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। मोहिंदर भगत के लिए सबसे बुरी खबर यह है कि अभी कुछ और लोग भी पार्टी छोड़ने का विचार बना रहे हैं। जबकि 2022 विधानसभा चुनाव सिर पर आ चुके हैं। शिरोमणि अकाली दल बादल से भाजपा का गठबंधन पहले ही टूट चुका है। इस बार पंजाब में भाजपा को चुनाव भी अपने बलबुते पर ही लड़ना होंगा। ऐसी स्थिति में भाजपा वर्करों और नेताओं का धीरे-धीरे पार्टी छोड़ना मोहिंदर भगत के लिए अच्छी खबर नहीं है। पिछले कुछ दिनों से जालंधर वेस्ट से भाजपा नेता वनीत धीर पार्षद पति भी पार्टी से नाराज़ चल रहें हैं, कयोंकि उन्हें भाजपा कीं प्रदेश कमेटी से हटा दिया गया है। पार्षद पति वनीत धीर को मनाने की कोशिशें चल रही है।

एक हिन्दी अखबार से मिलीं जानकारी के अनुसार भाजपा नेता मोहिंदर भगत का कहना हैं कि पार्टी में लोगों का आना-जाना चलता रहता है। अगर एक यां दो वयक्ति पार्टी छोड़कर जातें है तों दस नये लोग पार्टी में आते हैं। लेकिन पार्टी छोड़ने से किसी वयक्ति का मान-सनमान बढ़ता नहीं, लेकिन कम जरुर होता है। पार्टी वर्कर को हमेशा पार्टी का वफादार रहना चाहिए।

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