जालंधर नगर निगम टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग एडहॉक कमेटी को बिल्डिंग विभाग जालंधर की तरफ़ से अब तक सिर्फ 115 अवैध काॅलोनियों की जानकारी दी गई थी, जबकि नगर निगम की लिस्ट में 199 काॅलोनियां है। जानकारी देते हुए बिल्डिंग एडहाक कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा का कहना है कि आज हमनें 84 और अवैध काॅलोनियों का एक और बड़ा घोटाला पकड़ा है।
सोमवार को हुई एडहाक कमेटी की मीटिग में चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा व मेंबर सुशील कालिया ने कहा कि बिल्डिंग ब्रांच ने 84 काॅलोनियों का रिकार्ड हमसे छुपाया हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगली मीटिग में इन सभी 84 काॅलोनियों के रिकार्ड पेश किए जाएं। एडहाक कमेटी का कहना हैं कि यह जांच का बहुत बड़ा विषय है कि अधिकारियों ने 84 काॅलोनियों की जानकारी एडहाक कमेटी से क्यों छुपाई। बिल्डिंग ब्रांच को इसका जवाब देना चाहिए ।
एडहाक कमेटी को बताया गया है कि 42 काॅलोनियों को अप्रूव्ड किया गया, 40 को रिजेक्ट किया, जबकि 33 काॅलोनियों के आवेदनों की प्रक्रिया चल रही है। यह कुल 115 काॅलोनियों हैं। जबकि नगर निगम की लिस्ट में 199 काॅलोनियां है।
अवैध काॅलोनियों से फीस वसूली से पहले काॅलोनियों की पैमाइश जरूरी है। हालांकि कमिश्नर ने कहा है कि सभी से इस संबंधी शपथ पत्र लिए जाऐंगे , लेकिन कमेटी को इस पर ऐतराज है। कमेटी को यह शक है कि आवेदन के लिए जो काॅलोनियां आ रही हैं। उसके कलोनाईजर बहुत कम ज़मीन दिखाकर काॅलोनी मंजूर करवाते है। लेंकिन बाद में बहुत बड़ी काॅलोनी बनाते है। इस प्रकार से नगर निगम जालंधर को करोड़ों रुपये का चुना लग रहा है।
बिल्डिंग एडहाक कमेटी ने आज मेयर जगदीश राजा से यह शिकायत की है कि कमिश्नर करनेश शर्मा ने अवैध काॅलोनियों से फीस वसूली के लिए सैंक्शन कमेटी की मीटिग कर ली है, लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। मेयर के सामने ही एडहाक कमेटी ने इस पर नाराजगी जताई तो कमिश्नर ने कहा कि वह पहले कालोनाइजरों को नोटिस जारी कर देना चाहते थे और उसके बाद एडहाक कमेटी को जानकारी देना चाहते थें। आज मीटिंग में कमिश्नर को मेयर के सामने ही एडहाक कमेटी को सफाई देनी पड़ी।
बता दे कि बहुत चर्चित जालंधर कैंट की 18 अवैध काॅलोनियों की वीरवार से पैमाइश होने जा रही है। एडहाक कमेटी ने वीरवार से जालंधर कैंट हलके में कालोनाइजर राकेश अग्रवाल की 105 एकड़ जमीन पर विकसित की गई 18 काॅलोनियों की जांच शुरू करने का फैसला किया है। एडहाक कमेटी के अनुसार 18 अवैध काॅलोनियां 105 एकड़ पर नहीं। यह काॅलोनिया 200 एकड़ ज़मीन पर हो सकती है। काॅलोनियों को विकसित करने वाले राकेश अग्रवाल ने नगर निगम जालंधर को सिर्फ 8.80 लाख रुपये फीस जमा करवाई और 18 अवैध काॅलोनियों का निर्माण शुरू कर दिया, धीरे-धीरे अवैध काॅलोनियोंं को सेेेेल भी कर दिया। जबकि नगर निगम में मंजूरी के लिए जमा करवाई गई फाइलों की फीस 8.80 नही, कम से कम 21 करोड़ रुपये से ज्यादा बनती है। और अगर जुर्माने के तहत कोलोनाईजर की फाइलें मंजूर करवानी हो तो 50 करोड़ के करीब फीस बन सकती है।