City ख़बरनामा :- जैसे-जैसे पंजाब में विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे है, पंजाब के गली-गलियारों में चुनाव की चर्चा होना आम बात है। लेकिन हम बात करेंगे, जालंधर वेस्ट विधानसभा की। बता दें कि पिछले कम से कम 20 यां 25 वर्षों से इस विधानसभा सीट पर भगत बिरादरी के भाजपा नेता भगत चूनी लाल का दबदबा रहा है। इस सीट से दो बार सीनियर कांग्रेसी नेता मोहिंदर सिंह केपी और एक बार मोहिंदर सिंह केपी की धर्म पत्नी सुमन केपी चुनाव हार चुकी है। यहाँ बताना भी अति आवश्यक है कि इस सीट से दो बार पूर्व बसपा नेता पवन कुमार टीनू भी चुनाव हार चुके है। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू ने भाजपा उम्मीदवार भगत चूनी लाल के पुत्र मोहिंदर भगत को 16000 के करीब मतों से हराकर नये इतिहास की रचना कर दी।
अब यह बात समझना अति आवश्यक है कि यदि 2022 विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा जालंधर वेस्ट की टिकट मोहिंदर भगत को देती है तों मोहिंदर भगत के लिए मौजूदा कांग्रेसी विधायक सुशील रिंकू से कहीं ज्यादा बड़ी चुनावी, चुनौति दर्शन भगत, क़ीमती भगत और डाक्टर शिव दियाल माली होंगे और कैसे होंगे। अब यह भी बताना अति आवश्यक है कि 2022 विधानसभा चुनाव में जालंधर वेस्ट सीट से आम आदमी पार्टी टिकट के प्रमुख दावेदारों में दर्शन लाल भगत और डाक्टर शिव दियाल माली है। वहीं अकाली दल बादल से जालंधर वेस्ट के प्रमुख दावेदारों में क़ीमती भगत है।
सोचने-समझने वाली बात यह है कि यह सभी संभव दावेदार और उम्मीदवार भगत बिरादरी से है। और सूत्रो अनुसार वेस्ट विधानसभा जालंधर में भगत बिरादरी का वोट 40 हज़ार के करीब माना जाता है, और भाजपा नेेता मोंहिदर भगत का भगत बिरादरी को अपना वोट बैंक समझता है। अब मोहिंदर भगत को 2022 विधानसभा चुनाव में अपनी ही बिरादरी का वोट बैंक टूटता दिखाई दे रहा है। कयोंकि आम आदमी पार्टी के संभव उम्मीदवार दर्शन लाल भगत और डाक्टर शिव दियाल माली भी भगत बिरादरी से है, और अकाली दल बादल के संभव उम्मीदवार क़ीमती लाल भगत भी भगत बिरादरी से है। ऐसे हालात में भगत बिरादरी का वोट तीन हिस्सों में बांटा जाना संभव है। यही कारण है कि मोहिंदर भगत को 2022 विधानसभा चुनाव में मौजूदा कांग्रेसी विधायक सुशील कुमार रिंकू से कहीं ज्यादा चुनावी चुनौति देने वाले है, दर्शन लाल भगत, क़ीमती लाल भगत और डाक्टर शिव दियाल माली।