जालंधर के सीनियर कांग्रेसी नेता एवं पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेज़र सिंह (दाना पानी रैस्टोरेंट) और आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ब्लैकमेलिंग के आरोप में उलझ गए। विवाद बढ़ने पर थाना बारादरी की पुलिस आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह को लेकर थाने पहुंच गई। बाद में मेजर सिंह भी थाने पहुंच गए। कांग्रेसी नेेता मेेेेज़र सिंह ने आधी रात को पुलिस थाना बारादारी के बाहर सिमरनजीत सिंह खिलाफ़ पर्चा दर्ज ना करनेे को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस अनुसार उनकों दोनों पक्षों की और से शिकायत मिल चुकी है। थाना प्रभारी रविंदर सिंह का कहना है कि पुुुलिस अभी मामले की जांच चल रही है।
जबकि पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह (दाना-पानी रैस्टोरेंट ) का आरोप है कि आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने उनकी और उनके साथियों की प्रापर्टी को लेकर आरटीआइ डाली हुई है। मेेेज़र सिंह का आरोप है कि सिमरनजीत सिंह उन्हें और उन्के साथियों को ब्लैकमेल कर रहा है। इसी बात को लेकर बुधवार रात को उन्हें पुडा दफ्तर के पीछे बुलाया गया था। वह ट्रैप लगाने के तहत डेढ़ लाख रुपये लेकर आए थे। इस दौरान सिमरनजीत ने डेढ़ लाख रुपये लेने से मना कर दिया और मुझ से कहने लगा कि यह बहुत कम है। मुुझे कम से कम 5 लाख रुपये चाहिए, मै हर बिल्डिंग और काॅलोनी की साइट के हिसाब से पैसे लेता हूँ। इस बात के बाद विवाद बढ़ना शुरू हो गया। मेजर सिंह ने आरोप लगाया है कि सिमरजीत के साथी ने मुझे पर रिवालवर तान दी और कहाकि हम तेरी जान भी ले सकते है। इतने में पुलिस भी पहुंच गई। मौका पाकर सिमरनजीत का साथी मौके से भाग गया, जबकि सिमरनजीत सिंह को उन्होंने पकड़ लिया।
सूत्रो अनुसार आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह का कहना है कि मुुझ पर लगाएं गए सभी आरोप बेबुनियाद है, और मुझे झूठी सांजिश के तहत फंसाया जा रहा है। मैं अपना काम पुरी ईमानदारी से करता हूँ। मैंने आजतक कभी किसी से एक पैसा तक नहीं लिया। भगवान की कृपा से मुझे किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है। मैं ईमानदारी की रोटी खाता हूँ।