वेस्ट विधानसभा जालंधर में कांग्रेसी प्रत्याशी एवं मौजूदा विधायक सुशील रिंकू और भाजपा प्रत्याशी मोहिंदर भगत में चुनावी दंगल शुरू हो चुका है। वेस्ट विधानसभा जालंधर की सीट पर पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानीं जा रही थी। लेकिन चुनाव मैदान में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शीतल अंगुराल और बसपा प्रत्याशी अनिल मिणीयां के आने के बाद, अब कांटे की टक्कर लगभग समाप्त होती दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव एक तरफा दिखाई दे रहा है।
इस सीट पर पिछले कई वर्षों से कभी भाजपा, तो कभी कांग्रेस एक दुसरे को पटकनी देते रहे है। लेकिन इस बार चुनाव मैदान में भाजपा प्रत्याशी मोहिंदर भगत का पासा भारी पड़ता दिखाई दे रहा है, स्थानीय लोग सुशील रिंकू के पक्ष में समर्थन करने से सरे-आम इन्कार करते नज़र आ रहे हैं, और भारी विरोध करने की तैयारी में हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजूदा विधायक एवं कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सुशील रिंकू के राज़ में सरे-आम, गली-मुहल्लों में लाटरी, दड़ा-सटा और नशा, बिकता रहा, लेकिन सुशील रिंकू लाटरी, दड़ा-सटा और नशा बंद करवाने में सफल नहीं हो सका। धीरे-धीरे स्थानीय लोगों का विधायक सुशील रिंकू के प्रति रोष बढ़ने लगा, लोगों को ऐसा लगने लगा कि यह सब कुछ विधायक सुशील रिंकू की छत्र छाया में ही चल रहा है। वेस्ट विधानसभा की गली-मुहल्लों में गुंडाराज भी शुरू होने लगा। स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने कई बार सुशील रिंकू को लाटरी, दड़ा-सटा, नशा और गुंडाराज के प्रति जागरूक करवाया। लेकिन विधायक ने लोगों की एक ना सुनी। और धीरे- धीरे लोगों का विश्वास सुशील रिंकू से उठने लगा। लोगों को लगने लगा, कि विधायक सुशील रिंकू हमारा विधायक नहीं, कुछ खासमखास लोगों का ही विधायक हैं।
ऐसी स्थिति में वेस्ट विधानसभा जालंधर के लोगों का रुझान भाजपा उम्मीदवार मोहिंदर भगत की और बढ़ने लगा। और मोहिंदर भगत ने लोगों को विश्वास दिलाया है कि यदि मैं चुनाव जीत गया तो सबसे पहले वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से लाटरी, दड़ा-सटा और नशा बंद करवाउंगा। मोहिंदर भगत के अनुसार नशे से मरने वाले युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा जालंधर वेस्ट में है। क्योंकि यहां सरे-आम नशा बिकता है।