पंजाब के जिला जालंधर की वेस्ट विधानसभा में 10 जुलाई को होने वाले उप-चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। नामांकन के समय मोहिंदर भगत के साथ कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, सांसद राज कुमार चब्बेवाल, पवन टीनू व अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
ध्यान रहे कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत, पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भगत चूनी लाल के सुपुत्र हैं, और वह वेस्ट विधानसभा जालंधर से दो बार 2017 और 2022 में भाजपा (BJP) के उम्मीदवार थे, लेकिन वह दोनों ही बार वह विधानसभा चुनाव हार गए थे। पहली बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू से और दुसरी बार आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार शीतल अंगुराल से विधानसभा चुनाव हारे थे। मोहिंदर भगत ने दो बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा (BJP) को ही छोड़ दिया था, और कुछ ही दिनों में, उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) को ज्वाइन कर लिया। और अब वह फिर से तीसरी बार वेस्ट विधानसभा जालंधर से उप-चुनाव लड़ने के लिए चुनाव मैदान में उतर चुकें हैं। इस बार उन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपना उम्मीदवार बनाया हैं, ध्यान रहे कि यह उनका तीसरा विधानसभा चुनाव हैं, इससे पहले भी वह दो बार भाजपा की टिकट पर वेस्ट विधानसभा जालंधर से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।
सियासी अखाड़ों के खिलाड़ी और सियासी माहिरों का कहना है कि इस बार उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत के लिए यह चुनाव जीतना अति-आवश्यक है। यदि इस बार भी मोहिंदर भगत उप-चुनाव हार गए, तो यह हार उनका राजनीतिक जीवन समाप्त कर सकतीं है। इसलिए इस उप-चुनाव में मोहिंदर भगत को एक पुरानी कहावत याद रखनी चाहिए। कहावत है कि, ” करो या मरो ”