केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानून के खिलाफ दिल्ली के कुंडली बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन में बैठे किसान जत्थेबंदियों को 20 दिन से अधिक का समय हो गया है। इसी बीच किसान जत्थेबंदियों के लगभग 20 साथी संघर्ष दौरान स्वर्गवास हो चुके है। लेकिन केंद की मोदी सरकार और किसानों के बीच इस मसले का कोई समाधान नहीं निकल रहा है।
आज कुंडली बॉर्डर पर संघर्ष दौरान बाबा राम सिंह जी नानकसर सिंघरा वाले ने केंद्र की मोदी सरकार से परेशान होकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। गोली की आवाज सुनते ही धरने में बैठे किसानों में अफरा-तफरी मच गई। घायल अवस्था में बाबा जी को पानीपत के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डाक्टरों ने बाबा राम सिंह जी को मृत घोषित कर दिया। मरने से पहले उन्होंने सुसाइड के साथ एक खत भी लिखा है जिसमें कहा गया है कि मेरे से किसानों का यह दर्द देखा नहीं जा सकता। इस लिए मैं सुसाइड कर रहा हूँ।